हर-हर महादेव

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केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने के मौके परडेढ़ हजार से अधिक श्रद्धालु इस शुभ अवसर के साक्षी बनें । मंगलवार सुबह तीन बजे से ही समाधि पूजा शुरू कर दी गई थी।  लगभग दो घंटे तकपूजा की गई। मुख्य पुजारी, वेदपाठियों ने पूजाएं संपन्न कराई। इसके बाद भोले बाबा की पंचमुखी मूर्ति को उत्सव डोली को मंदिर के अंदर स्वयं भू लिंग वालेगर्भ गृह से ठीक सुबह 6.30 पर बाहर लाया गया। साथ ही गर्भ गृह के कपाट बंदकर दिए गए। 

इसके बाद उत्सव डोली को भक्तो के दर्शन के लिए गर्भगृह के बाहर रखा गया। ठीक आठ बजकर 30 मिनट पर उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाने के बाद केदारनाथ मंदिर के मुख्य कपाट बंद कर दिए गए। इस मौके पर हर हर महादेव के जयकारों से पूरी केदारपुरी भक्तिमय हो गई। आर्मी बैंड की धुनों ने भी माहौल को भक्तिमय बना दिया। मंदिर से उत्सव डोली के बाहर आने के बाद मंदिर की परिक्रमा की गई। साथ ही डोली सीधे अपने गद्दीस्थल के लिए रवाना हो गई।

उत्सव डोली रात्रि विश्राम रामपुर में करेगी। 30अक्टूबर को केदारनाथ की उत्सव डोली रामपुर से प्रस्थान कर फाटा,नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 31 अक्टूबर को केदारनाथ की उत्सव डोली गुप्तकाशी से प्रस्थान कर लगभग सुबह ठीक 11 बजे पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी ...जहां डोली का फूल और अक्षतों से जोरदार स्वागत होगा। वहीं, डोली को ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान किया जाएगा। इसके बाद से शीतकाल में बाबा केदारनाथ की पूजा इसी मंदिर में होगी।  

 


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