खरसाली में होंगे मां यमुना के दर्शन

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भैया दूज के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। यमुना के भाई शनि महाराज की डोली उन्हें लेने धाम पहुंची। यहां से मां यमुना जी की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। 

 यमुना की डोली के मंदिर से बाहर निकलते ही यमुना के जयकारों से यमुनोत्री धाम का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके बाद शनिदेव की अगुआई में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली पहुंची। अब छह माह तक देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन खुशीमठ (खरसाली) में ही कर सकेंगे।

मंगलवार को भाई दूज के अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत सुबह से ही पूजा अर्चना की गई। ठीक आठ बजे खरसाली से अपनी बहन यमुना को लेने के लिए शनि देव की डोली यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। जो सुबह साढ़े दस बजे यमुनोत्री पहुँची।

वहीं, यमुनोत्री धाम में सुबह से लेकर दोपहर तक यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने यमुना के दर्शन किए। जिसके बाद वैदिक मंत्रोचार के साथ विधिविधान व पूजा अर्चना की गई। अभिजीत मुहूर्त के शुभअवसर पर दोपहर 12.25  बजे धाम के कपाट बंद किए गए। इसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ मंदिर से शनिदेव की डोली की अगुआई में यमुना की डोली खरसाली के लिए रवाना हुई। 

दोपहर बादडोली यात्रा खरसाली गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने मां यमुना का भव्य स्वागत किया।यहां वैदिक मंत्रोच्चार एवं विशेष पूजा-अर्चना के साथ मां यमुना की उत्सव मूर्ति को खरसाली स्थित यमुना मंदिर में स्थापित किया। अब आगामी छह माह तक श्रद्धालु यहीं मां यमुना के दर्शन एवं पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ ले सकेंगे। 



 


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