अब स्कूलों में पढ़ाई जाएगी कुमाउंनी पुस्तकें, सीएम ने कही ये बात

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने शनिवार को डा. आर. एस. टोलिया प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में लोक सेवकों के 14 वें आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने एक दिवसीय दौरे पर नैनीताल पहुंचे. यहां पहुंचकर सीएम ने उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी में पीसीएस अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी अधिकारी हमारे देश और उत्तराखंड की शान हैं. उन्होंने कहा कि इन्हीं से सरकार की छवि बनती और बिगड़ती है.

सीएम ने सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभाने और सरकार के सभी कामों को पूरा करने का भी मंत्र दिया। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि लोक सेवक अपने उत्तरदायित्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें तथा कार्यो मे पारदर्शिता रखें। लोक सेवकों का दायित्व है कि वह समाज में सभी को साथ लेकर चलें, अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुये समाज में सामंजस्य स्थापित कर अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी लोक सेवक जिन्हें जो भी दायित्व मिले उसे पूरी निष्ठा, ईमानदारी व पारदर्शिता से सकारात्मक सोच के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि मधुर व्यवहार के साथ जन समस्याएं इत्मीनान से सुनकर उनके समाधान के प्रयास किए जाएं। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा कुमाऊंनी भाषा की चार पुस्तकों ‘‘धगुलि, हंसुलि, छुबकि एवं झुमकि’’ का भी विमोचन किया। इन किताबों को आने वाले शैक्षणिक सत्र में कुमाऊं के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.मुख्यमंत्री ने चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि दुनिया में एक घन्टे मे एक बोली समाप्त हो रही है इसलिए हमे अपनी बोलियों और भाषा को जीवित रखने के लिए आगे आकर कार्य करने होंगे, तभी हमारी बोलियां, भाषा संरक्षित व विकसित होगी यह हमारा दायित्व भी है।  सीएम का कहना है कि इस कदम से नई पीढ़ी को अपनी भाषाओं से जोड़ना आसान होगा. स्कूली बच्चों को कुमाउंनी पाठ्य पुस्तकों के जरिए हमारी संस्कृति और भाषा से जोड़े रखने में मदद मिलेगी.

 

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