सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को हाईकोर्ट से झटका, बाज़ार रेट से जमा कराना होगा किराया

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हाईकोर्ट से उत्तराखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका मिला है। हाई कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से सरकारी आवास, बिजली पानी और अन्य भत्तों का किराया जमा करने के आदेश दिये हैं।
बता दें कि देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को चुनौती दी थी, जिसके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के किराए को बाजार रेट के आधार पर भुगतान करने में राज्य सरकार ने छूट दे दी थी। संस्था का कहना था कि ये संविधान के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि  न्यायालय ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन मानते हुए यह फैसला दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अधिनियम के प्रावधान स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हैं। न्यायालय ने अधिनियम को भारत के संविधान के अनुच्छेद 202 से 207 के उल्लंघन में भी पाया है।  कोर्ट ने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों के रूप में उन्हें दी गई अन्य सभी सुविधाओं के लिए खर्च किए गए धन की गणना करने और उसकी वसूली  के लिए राज्य उत्तरदायी होगा।
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले में सुनवाई के बाद 23 मार्च 2020 को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

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