हरदा ने दिया जलाकर दी उत्तराखंड की बेटी स्वाति ध्यानी को श्रद्धांजलि

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लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते मौत की गर्त में समाने वाली स्वाति ध्यानी को इंसाफ दिलाने के लिए जहां पौड़ी गढ़वाल में ई जनांदोलन शुरु हो गया है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी उत्तराखंड की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए आज अस्पताल के सामने मोमबत्ती जलाई । 

पूर्व सीएम हरीश रावत ने समर्थकों के साथ आज देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल पहुंचकर स्वाति ध्यानी को श्रद्धांजलि दी । साथ ही बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सिस्टम पर भी तंज कसा।

इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र अग्रवाल, प्रभुलाल बहुगुणा, ओम प्रकाश सती, सुलेमान अली, मोहन काला, आशा मनोरमा शर्मा, कमलेश रमन, प्रवीण त्यागी, रोबिन त्यागी, दर्शनलाल , सुशील राठी, अभिषेक भंडारी, सौरभ ममंगाई और और श्याम सिंह चौहान मौजूद थे।

गौरतलब है कि ग्राम वयेला तल्ला रिखणीखाल(पौड़ी) निवासी स्वाति ध्यानी पत्नी राजेंद्र ध्यानी को प्रसव पीड़ा होने पर 28 जून रात 12 बजे के आस- पास रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने बताया कि अभी हल्का दर्द है,,,ऐसे में पूरी रात बीत गई । अगले दिन दोपहर एक बजे के लगभग स्वाति ध्यानी को डिलीवरी के लिए लेबर रूम में ले जाया गया जहां तीन बजे के लगभग डिलीवरी हुई स्वाति ध्यानी ने  मृत   बच्चे को जन्म दिया।
हालांकि अस्पताल के डॉक्टर स्वाति की कंडीशन को नॉर्मल बताते रहे। इसी बीच पांच बजे के आसपास डाक्टरों ने स्वाति को हायर सेंटर रैफर कर दिया। कोटद्वार अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि अत्यधिक रक्तस्त्राव होने पर प्रसूता भी मर चुकी है। स्वाति के परिजनों का आरोप है कि पीएचसी रिखणीखाल में उसे न तो अच्छा इलाज मिला और न समय पर रेफर किया गया। पर्वतीय जिलों में लचर
स्वास्थ्य सुविधाओं और रक्त की कमा का ये कोई पहला मामला नहीं है। यहां ये स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक नमूना भर है। 

ऐसे में आज पूर्व सीएम हरदा उत्तराखंड की इस बेटी को श्रद्धांजलि जरूर दे रहे हैं लेकिन ये भी सच है कि इसी प्रदेश पर उन्होंने भी सत्ता का सुख भोगा .....सरकार किसी की भी रही हो लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली इस पहाड़ी प्रदेश की सबसे बडी बदकिस्मती रही है ..।

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