गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बन्द, अब मुखबा गांव में होंगे मां गंगा के दर्शन

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विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 12:15 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए । जिसके बाद मां गंगा की डोली आर्मी बैंड और ढोल-दमाऊ के साथ अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। 
अब आगामी 6 महीने तक मुखबा गांव में ही  मां गंगा के दर्शन हो सकेंगे। इस दौरान पूरी घाटी मां गंगा के जयकारों से गुंजायमान हुई।
 मुखबा गांव के सेमवाल पुरोहित मां गंगा की मुखबा में भी शीतकाल में गंगोत्री धाम की तरह ही विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। 
मां गंगा की डोली पैदल जांगला मार्ग से शाम को मुखबा गांव से 3 किमी पहले मार्कण्डेय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी, जहां स्थानीय लोग और यात्री रात भर मां गंगा के साथ अन्य देवी-देवताओं का कीर्तन भजन करते हैं।
वहीं, 16 नवंबर को भैयादूज के अवसर पर मां गंगा की डोली दोपहर मुखबा गांव के लिए रवाना होगी । शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में सेमवाल जाति के पुरोहित मां गंगा की 6 महीने तक विधिवत पूजा करते हैं ।

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