पेयजल दरों में संशोधन का फैसला फिलहाल टला, कमेटी करेगी आंकलन

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प्रदेश में पीने के पानी और सीवरेज की दरों में लाखों उपभोक्ताओं को राहत देने का फैसला फिलहाल टल गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में पेयजल दरों में संशोधन को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय होना था। लेकिन फैसला लेने से पहले सरकार एक बार सभी तथ्यों का गहराई से अध्ययन कर लेना चाहती है।
इसके लिए मुख्यमंत्री ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धनसिंह रावत की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। कमेटी को जल्द आकलन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार नीतिगत निर्णय लेगी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक, समिति पेयजल और सीवरेज के टैरिफ से संबंधित सभी तथ्यों का विस्तार से आकलन कर अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द मुख्यमंत्री को देने का प्रयास करेगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में पीने के पानी की दरों में संशोधन के संबंध में बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल मूल्य एवं सीवर मरम्मत दरों के किए वर्तमान में लागू टैरिफ दरों की जटिलता का सरलीकरण किया जाना जरूरी है। बैठक में पेयजल और सीवरेज कर के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। 
बैठक में पेयजल के अनाधिकृत प्रयोग और बेतहाशा दोहन रोकने पर भी विचार हुआ। कहा गया कि बोरिंग कर भू-जल के माध्यम से अथवा अन्य जल संयोजनों से पेयजल प्राप्त करने वाले उपयोगकर्ताओं से वार्षिक जलकर लिए जाने पर सोचा जाएगा। यह विचार भी हुआ कि भू-जल और सतही जल के दोहन का दुरुपयोग रोकने के साथ किराये के टैंकरों से पानी की आपूर्ति करने के लिए पंजीकरण की व्यवस्था हो। 

 

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