मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत हो रही है । ये महापंचायत जीआईसी ग्राउंड पर हो रही है, जिसमें शामिल होने के लिए यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक , उत्तराखण्ड जैसे 15 राज्यों से किसानों के जुटने का दावा है। दिल्ली के बॉर्डर पर जो लंबे समय से आंदोलन चल रहे हैं वहां से भी किसान इस महापंचायत में शामिल होने जा रहे हैं ।
संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि ये अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यहां जुटी भीड़ किसानों की 'ताकत' दिखाती है. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं.
टिकैत ने मंच से लगवाए अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे
राकेश टिकैत ने कहा कि ये लोग बांटने का काम कर रहे हैं, हमें इन्हें रोकना है. पहले देश में अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे साथ-साथ लगाए जाते थे और आगे भी लगेंगे। उन्होंने भीड़ से अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा, यूपी की जमीन को दंगा करवाने वालों को नहीं देंगे. टिकैत ने कहा कि ये लड़ाई तीन काले कानूनों से शुरू हुई. 28 जनवरी को आंदोलन का कत्ल होता। हजारों की फोर्स थी, हम सैकड़ों थे, लेकिन डटे रहे. टिकैत ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हम वहां से हटेंगे नहीं।
टिकैत बोले- कब्रगाह बन गयी तो भी नहीं आएंगे वापस
राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को लेकर भी बात कही। उन्होंने कहा कि भले ही वहां हमारी कब्रगाह बन जाए, लेकिन हम वहां से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, 'हम आपसे वादा लेकर जाते हैं कि अगर वहां पर हमारी कब्रगाह बनेगी तो भी हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे। बगैर जीते वापस नहीं आएंगे।