मजबूत और सशक्त भू कानून को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार संकल्परत है । खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ये एलान कर चुके हैं कि भू कानून सशक्त बनाया जाएगा। वहीं कुछ राजनेतिक तत्व खुद की सियासत चमकाने के लिए भू कानून को लेकर भी जनता को गुमराह कर रहे हैं।
ऐसी ही एक रैली आज तीर्थनगरी में निकाली गई जहां भू कानून के मसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भू-कानून की दिशा में लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों के ख़िलाफ़ सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है।
वहीं आज प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भू क़ानून को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भू-क़ानून को लेकर गंभीर है।जिन लोगों ने भी यहाँ भूमि ख़रीदी और उसका उपयोग उस प्रयोजन के लिए नहीं कर रहे हैं जिस प्रयोजन के लिए भूमि खरीद की है उनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा। इसके अलावा एक परिवार में 250 वर्ग मीटर से ज़्यादा भूमि ख़रीद कर जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है,उनकी भी अतिरिक्त ज़मीन राज्य सरकार में निहित की जाएगी।
उन्होंने ये भी साफ किया कि
भू-क़ानून में जो भी सुधार राज्य हित में अपेक्षित होंगे वह प्रयास किए जायेंगे लेकिन इसके लिए प्रदेश के नागरिकों को भी जागरूक होकर सरकार का सहभागी बनना होगा। वन मंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रदेशवासी अपने पैतृक भूमि को संरक्षित करें और उसकी बिक्री ना करें।
सरकार की मंशा साफ है । ऐसे में सवाल उन लोगों को लेकर खड़ा होता है जो सरकार की मंशा पर खुद तो सवाल खड़े कर ही रहे हैं साथ ही जनता को भी गुमराह कर रहे हैं।
अगर वाकई ऐसे लोगों को उत्तराखंड की जनता की फिक्र है तो उन्हें चाहिए था सरकार को सशक्त भू कानून लाने के लिए अपने सुझाव सामने रखे न कि जनता के सामने गलत तस्वीर पेश करके भू कानून की राह में रोड़ा अटकाने की कोशिश करें।