मुख्यमंत्री ने बागेश्वर में कुल 15806.01 लाख की 44 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। जिसमें विधान सभा कपकोट की 18 और बागेश्वर की कुल 26 योजनाएें हैं। जिनमें 12141.40 लाख की कुल 25 योजनओ का लोकार्पण एवं 3664.61 लाख की 19 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।
इसमें उर्जा विभाग पिटकुल की 104 करोड़ की 132/33 केवी जीआईएस उप संस्थान बागेश्वर का भी लोकार्पण किया गया। गौरतलब है कि जनपद बागेश्वर में निर्मित 132/33 केवी जीआईएस कुमांऊ की प्रथम उपसंस्थान हैं। उपसंस्थान के लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस बात पर बधाई दी कि जनपद बागेश्वर का यह उपकेंद्र एक अनुरक्षण उपकेंद्र हैं जिसे रिमोर्ट कंट्रोल तकनीक से जोडा गया हैं, जिससे ने केवल बागेश्वर से बल्कि देहरादून से भी कंट्रोल किया जा सकेगा।
इस तकनीक से यह भी पता चल सकता है कि जनपद के किस क्षेत्र में विद्युत तार टूटे हुए हैं जिनका तत्काल रूप में सुधारीकरण किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान के ऊर्जाकृत हो जाने से 132 केवी उपकेंद्र अल्मोडा की अधिभारिता कम होगी साथ 33 केवी लाईनों की लंबाई कम हुई है, जिससे बारिश और बर्फबारी के कारण ब्रेक डाउन में भी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि इसके संचालित होने से जनपदवासियां को लो-वोल्टेज से भी निजात मिलेगी साथ ही 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो पायेगी।
इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जनपद में नवनिर्मित बस अड्डे का भी शुभारंभ किया। शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री और परिहवन मंत्री यशपाल आर्या ने बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम की एनआईसी एवं अल्मोड़ा प्रशासन द्वारा विकसित की गयी जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के पोर्टल का भी उद्घाटन किया गया। इससे श्रृद्धालओं को ऑनलाईन दान देने, अपनी सुविधा के अनुसार पूजा करने की तिथि, मंदिर, समय व पूजारी घर बैठे ही तय करने में सुविधा होगी इसके साथ ही भण्डारे आदि के लिए ऑनलाईन बुकिंग की भी की सकेगी।