उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों के लिए बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया । कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र का नाम वचन पत्र दिया है। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने वचन पत्र जारी किया. इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुरेंद्र शर्मा, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, देहरादून के मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल की मौजूदगी रहे । इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने वचन पत्र जारी होने पर अपनी शुभकामनाएं दी हैं । इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि दृष्टि पत्र हमारी सोच को दर्शाता है और प्रदेश की जनता ने इस बार के निकाय चुनाव में कांग्रेस का अवसर देने का मन बना लिया है।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस ने वचन पत्र स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ पानी, सुरक्षा और मलिन बस्ती वासियों को रखा गया है. उन्होंने कहा कि इस बार निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है. वहीं हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस निकाय चुनाव जीतकर अपने संकल्पों को पूरा करेगी. ने कहा कि कई निकायों में उन्हें प्रचार करने का मौका मिला है. उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वातावरण देखने को मिला. हरक सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी को ऊंट के मुंह में जीरा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए का खर्च कर दिए, लेकिन राजधानी देहरादून को जल भराव का सामना करना पड़ता है.
वहीं गुरदीप सप्पल का कहना है कि राज्य गठन के बाद 2002 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद शहरी बजट को 6 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ से ज्यादा किया गया, लेकिन भाजपा सरकार गरीब लोगों को नागरिक तौर पर हक नहीं देती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में 26 सूत्रीय संकल्प लिए हैं, जिसे निकायों में जीतने के बाद इन संकल्पों को पूरा किया जाएगा.
कांग्रेस ने अपने 26 वचनों में पहला वचन हिमालयी ग्लेशियर पिघलने से जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण, तापमान में वृद्धि की दशा में काम करने का लिया है। दूसरे वचन में उन्होंने सभी निकायों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए वॉटर प्यूरीफायर प्लांट लगाने की बात कही है। इनके अलावा मलिन बस्तियों के नियमितीकरण एवं पुनर्वास के लिए 2016 में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए कानून को लागू करने के लिए दबाव बनाने, नगरीय क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को अच्छा बनाना, निकायों में पर्यावरण सुधार के लिए मोहल्ला स्तर पर समितियां गठित करने व पौधारोपण, टैक्स प्रणाली की समीक्षा के साथ आम जनता से सुझाव लेकर उनमें सुधार किया जाना, निकालो में सीसीटीवी, निकायों की जमीन पर हुए कब्जों को हटाने सहित आदि वचन लिए गए।