दशहरा आयोजन से बन्नू बिरादरी का इंकार, बताई ये वजह

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प्रशासन के सख्त नियमों के चलते बन्नू स्कूल में होने वाला सूक्ष्म रावण दहन भी रद्द कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा 200 लोगों की अनुमति न मिलने से नाराज बन्नू बिरादरी ने पहली बार दशहरा आयोजन करने से मना कर दिया है।
 बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष ने बताया कि रावण के पुतले की ऊंचाई भी प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार 10 फीट रखी गई, लेकिन अब प्रशासन ने 50 लोगों की शर्त भी रखी है।
 ऐसे में इतने कम लोगों के साथ इस कार्यक्रम को करना संभव नहीं हो पाएगा।
 बता दें कि जिलाधिकारी ने शुक्रवार को ही दशहरा पर्व को लेकर गाइडलाइन जारी करते हुए रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतलों की ऊंचाई 10 फीट तक सीमित करने के साथ ही 50 से अधिक लोगों के पुतला दहन में शामिल होने की बात कही थी।
साल 1948 से हर साल बन्नू बिरादरी दशहरे के अवसर पर राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में रावण दहन का कार्यक्रम और भव्य समारोह आयोजित करती आ रही है. मगर इस साल कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ध्यान में रखते हुए बिरादरी ने दशहरा पर्व पर होने वाले समारोह को परेड ग्राउंड के स्थान पर रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में सूक्ष्म रूप से मनाने के लिए जिला प्रशासन से कम से कम 200 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद दशहरा पर्व के लिए जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने शुक्रवार को गाइडलाइन के अनुसार रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतलों की ऊंचाई 10 फीट तक सीमित रहेगी और 50 से अधिक लोग पुतला दहन के स्थान पर एकजुट नहीं होने के निर्देश जारी किये थे.
साथ ही कहा गया कि पुतला दहन के अवसर पर भी सिर्फ आयोजक संस्था से संबंधित लोग ही उपस्थित रहेंगे।

 

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