एमडीएच (MDH) मसाले सच सच सच कहने वाले धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में आज सुबह 5:30 बजे हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया।
धर्मपाल गुलाटी कभी दिल्ली में तांगा चलाकर पेट भरने को मजबूर थे लेकिन अब तक उन्हें मसालों की दुनिया के बेताज बादशाह के रूप में जाना जाता था।
दिल्ली से छोटी सी दुकान से शुरुआत करने वाले मसाला बेचने की थोड़े दिनों में वह मसाला किंग बन गए। उनकी मेहनत से उनके मसालों ने भारतीय लोगों के घरों में अपनी पैठ बना ली और देखते ही देखते वह बुलंदियों को छूने लगे। आज उसी मसाला सम्राट ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कुछ समय पहले धर्मपाल गुलाटी को कोरोना भी हो गया था।
मसाला किंग धरमपाल गुलाटी ने महज पांचवी क्लास तक ही पढ़ाई की थी और वह पाकिस्तान में जन्मे थे। 27 मार्च 1923 को सियालकोट पाकिस्तान में पैदा हुए धर्मपाल को पढ़ाई लिखाई में कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी इसलिए उन्होंने पांचवी कक्षा पढ़ने के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी।
उनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। उन्होंने भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद दिल्ली में शरण ली और पेट भरने के लिए तांगा चलाने का काम शुरू किया था। लेकिन समय बदला और उन्होंने अपने पुश्तैनी कारोबार मसाले का काम शुरू किया। दिल्ली में 9*14 फुट की दुकान खोली और आज दुनियाभर के कई शहरों में महाशियां दी हट्टी (एमडीएच) के ब्रांच हैं।