चमोली आपदा में टूटे इस पुल को BRO ने किया तैयार

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ऋषिगंगा नदी में आए जलसैलाब में क्षतिग्रस्त पुल को 
बीआरओ ने फिर से बनाकर तैयार कर दिया है। इस 200 फुट लंबे बेली ब्रिज पर बीआरओ के अधिकारियों ने वाहनों की आवाजाही के साथ ही मलारी हाईवे को खोल दिया है। हाईवे के सुचारु होने पर चीन सीमा क्षेत्र में मुस्तैद सेना व आईटीबीपी के जवानों के साथ ही नीती घाटी के ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।  
बीआरओ ने जेसीबी और पोकलैंड मशीनों के जरिये सेना के वाहनों को सलामी दी।
सात फरवरी को ऋषि गंगा की जल प्रलय में रैणी गांव के समीप मलारी हाईवे पर 90 मीटर लंबा मोटर पुल बह गया था, जिससे सीमा क्षेत्र के 13 गांव अलग-थलग पड़ गए थे। साथ ही सेना के जवानों की आवाजाही भी ठप हो गई थी। जिस स्थान पर पुल था, वहां मलबे के ढेर पड़े हुए थे। 
बीआरओ के चीफ इंजीनियर एएस राठौड़ ने बताया कि पुल का निर्माण करने में 100 से अधिक उपकरण लगाये गए थे। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बीआरओ के अधिकारियों और मजदूरों की मदद से 8 दिनों में निर्माण कर आज यातायात भी बहाल कर दिया गया है।

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