किसकी कठपुतली बने स्वामी शिवानंद ?

post

मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती एक बार फिर चर्चा में है । गंगा में अवैध खनन पर सवाल उठाते हुए स्वामी शिवानंद का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं । 
इतना ही नहीं अंकिता हत्याकांड और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी स्वामी खुलकर बोले। स्वामी शिवानंद दरअसल हमेशा से गंगा की अस्मिता को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिसमें कई संगठन उनके साथ खड़े भी मिलते हैं और उनके कदम की सराहना भी करते हैं । लेकिन उनका गंगा में खनन की आड़ में दूसरे मुद्दों पर जोर देना समझ से परे हैं। जिस तरीके से दूसरे मुद्दों की तरफ शिवानंद इशारा कर रहे हैं , ये किसी स्वामी का नहीं , बल्कि राजनीतिक दलों और संगठनों का काम है। यही वजह है कि ऐसा माना जा रहा है कि शिवानंद किसी की कठपुतली के तौर पर काम कर रहे हैं।
जानकारों की माने तो  मुख्यमंत्री को टारगेट करने के मकसद से ही स्वामी शिवानंद सरस्वती इस बार सामने आए हैं । ये भी कहा जा रहा है कि स्वामी को कोई कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहा है । ऐसे में सवाल उठता है कि क्या किसी की कठपुतली बनकर काम करना मातृसदन की गरिमा पर आघात नहीं है । सवाल ये भी है कि अपने मुख्य मकसद से हटकर दूसरों को फायदा पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने की कोशिश कितनी जायज है ।
बहरहाल गंगा हमारी मां है और उसके संरक्षण के लिए आवाज उठाना जिम्मेदारों का हक भी । अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए ही यदि काम किया जाए तो इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए लेकिन जिस तरीक से शिवानंद तमाम मुद्दों पर खुलकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं ,  तो उनकी आड़ में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश करने वालों को भी बेनकाब किया जाना बेहद जरूरी है ।

ये भी पढ़ें

Leave a Comment