राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 और प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार प्रदान किए । उत्तराखंड के द्वाराहाट से शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल गुरुजी को जल संरक्षण की दिशा में शानदार काम करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें उत्तर भारत के बेस्ट इंडिविजुअल फॉर एक्सीलेंस इन वाटर सेक्टर श्रेणी में विजेता घोषित किया गया है। सर्वश्रेष्ठ ज़िला, ग्राम पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय, संस्थान, विद्यालय और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति सहित 10 श्रेणियों में 46 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। 2024 के लिए छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में महाराष्ट्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि गुजरात और हरियाणा दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जल की उपलब्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी से मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्हों्ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जलवायु परिवर्तन आज के समय में जल चक्र को प्रभावित कर रहा है। राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को जल संरक्षण के उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि इसके बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष शुरू किए गए जल संरक्षण जनभागीदारी कार्यक्रम के तहत 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
राष्ट्रपति ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार और प्रथम जल संचय जल भागीदारी पुरस्कार किए प्रदान, द्वाराहाट के शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल को मिला राष्ट्रीय जल पुरस्कार सम्मान


Admin




