निर्भया के गुनहगार फांसी टलवाने को अपना रहे हर हथकंडा

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 निर्भया के गुनहगार फांसी से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया का एक दोषी मुकेश फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, जहां उसने राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी है।

मुकेश ने अपनी याचिका में कहा है कि जिस तेजी से दया याचिका पर फैसला लिया गया, उससे लगता है कि राष्ट्रपति ने याचिका में लिखी बातों पर ठीक से विचार किये बिना उसे खारिज किया है।

शनिवार को निर्भया मामले में दोषी अक्षय, विनय और पवन की अर्जी का पटियाला हाउस कोर्ट ने निपटारा कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में कोई निर्देश की जरूरत नहीं है. दोषयों की मांग पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने वो सभी दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं, जो दोषियों ने मांगे थे. जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि उनके पास दोषयों से संबंधित अब कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है.।

इस दौरान दोषियों के वकील ए. पी. सिंह ने आरोप लगाया कि विनय को धीमा जहर दिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी चिकित्सकीय जांच के कागज उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि शुक्रवार रात जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज उन्हें मिले, लेकिन विनय की डायरी और मेडिकल कागजात नहीं मिले हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘वे (तिहाड़ जेल प्रशासन) कहते हैं कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है. विनय को धीमा जहर दिया जा रहा था, इसीलिए उसे अस्पताल भी भेजा गया था।

उन्होंने यह भी दावा किया कि सितंबर 2013 में मंडोली जेल में पवन के साथ मारपीट भी की गई है. इसके बाद उसको गहरी चोट आई थी और उसको 18-19 टांके लगे थे. आपको बता दें कि निर्भया के दोषियों को एक फरवरी को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया जा चुका है. तिहाड़ जेल में इसकी तैयारी भी तेजी से की जा रही है।

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ गैंगरेप किया गया था और हैवानियत की हदें पार की गई थी। इसके बाद निर्भया की अस्पताल में मौत हो गई थी. इसमें छह लोग शामिल थे, जिसमें राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी. हालांकि एक नाबालिग सजा पूरी कर चुका है. वहीं बाकी चार दोषियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनायी था। निचली अदालत के फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। दो दोषियों की दया याचिका को भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं. अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है.

 

 

 

 

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