बागेश्वर जिले के कपकोट में अतिवृष्टि के बाद आए मलबे में एक घर दब गया। मलबे में परिवार के तीन सदस्य दब गए। तीनों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
घटना ग्राम सुमगढ़ ऐठाण के ईटावन तोक की है। ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के बाद सुबह राजस्व पुलिस, एसडीआरएफ, डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंची।
हादसे में गृहस्वामी गोविंद सिंह पंडा 38, उनकी पत्नी खष्टी देवी 32 और सात वर्षीय बालक हिमांशु पंडा मलबे में दब गए। कपकोट के सरन गांव में भी कई घरों में मलबा घुसने की सूचना है। यहां कई पालतू जानवर भी मलबे में दब गए।
कपकोट क्षेत्र में बीती रात्रि से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन होने से जहां एक मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया। वहीं, अतिवृष्टि से क्षेत्र में कृषि एवं कई मकानों को भी खतरा बना हुआ है। कपकोट क्षेत्र में अभी तक 45 एमएम वर्षा दर्ज की गई। इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
बता दें, बागेश्वर का कपकोट क्षेत्र बीते सालों में कई आपदाओं की मार झेल चुका है।मॉनसून में हर साल इस क्षेत्र में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाएं घटित होती हैं।ऐसे में जिला प्रशासन और एसडीआरएफ-डीडीआरएफ की टीम मॉनसून में अलर्ट पर रहती है।
साल 2010 में भी कपकोट विधानसभा क्षेत्र के हरसिनियाबगड़ गांव में बादल फटने से पानी का रेला खेत, सड़क और कई मकानों को बहाता ले गया था।वहीं, सुमगढ़ गांव में सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की इमारत की छत गिरने से मौजूद 25 से 30 बच्चे मलबे में दब गए थे। इस घटना में 18 बच्चों की मौत हुई थी।