बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है। मानवता के खिलाफ 5 गंभीर अपराधों में दोषी मानते हुए इंटरनेशन क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। साथ ही 3 दिन में शेख हसीना को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया है।
शेख हसीना के मामले में 453 पेज का जजमेंट आया, जो 6 पार्ट में पढ़ा गया। फैसला जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अगुवाई वाली 3 जजों की बेंच ने सुनाया। इसमें जस्टिस मुर्तजा के अलावा जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी भी शामिल हैं। फैसला शेख हसीना में गैर-मौजूदगी में सुनाया गया। वहीं फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा है कि सजा मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट्स के आधार पर सुनाई गई है, जिसमें शेख हसीना द्वारा किए गए क्रूर अपराधों का जिक्र था। गौरतलब है कि जुलाई-अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन छेड़ा था, जिसका शेख हसीना ने क्रूरता से दमन कराया था।
वहीं शेख हसीना ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शेख हसीना ने इस फैसले को एकतरफा और राजीनति से प्रेरित बताया है। बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने कहा, "यह फैसला मेरा पक्ष सुने बिना दिया गया। यह फैसला ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है जिसे एक गैर निर्वाचित सरकार चला रही है. उनके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है. ये पूरी तरह से गलत है।
बड़ी खबर - बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश की कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा


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