सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला, जानें - क्यों कट्टरपंथियों के निशाने पर है ये लेखक

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बुकर पुरस्कार विजेता और द सैटेनिक वर्सेज के लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ है। यह हमला तब हुआ जब वह चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में एक लेक्चर देने के लिए आए हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर ने मंच पर खड़े सलमान रुश्दी पर अचानक हमला किया और उन्हें चाकू मारा। 
 सलमान रुश्दी पिछले कई सालों से जान से मारने की धमकियों का सामना कर रहे थे। 
 ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में घटना के तुरंत बाद वहां मौजूद लोग मंच पर भागते हुए नज़र आ रहे हैं। इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया।
सलमान रुश्दी अपनी किताब द सैटर्निक वर्सेज को लेकर कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं। इस कारण उन्हें कई साल अज्ञातवास में बिताना पड़ा था। न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस ने बताया है कि हमले के बाद रुश्दी को हेलीकॉप्टर से स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है।
पुलिस ने बताया है कि सलमान रुश्दी की गर्दन पर चाकू से वार किया गया है. और हमलावर अब पुलिस हिरासत में है।
सलमान रुश्दी भारतीय मूल के लेखक हैं। उन्होंने द सैटर्निक वर्सेज और मिडनाइट चिल्ड्रन जैसे प्रसिद्ध उपन्यास लिखे हैं। मिडनाइट चिल्ड्रन के लिए रुश्दी को 1981 में बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1988 में आई उनकी चौथी उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज को लेकर काफी बवाल भी हुआ था। कट्टरपंथियों ने सलमान रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा भी जारी किया था। 1989 में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने भी रुश्दी को मौत कीी धमकी दी थी। जिसके बाद उन्हें ब्रिटिश सरकार ने पुलिस सुरक्षा प्रदान की।
1983 में रुश्दी को रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर का फेलो चुना गया। उन्हें 1999 में फ्रांस के कमांडर डी ल'ऑर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस नियुक्त किया गया था। 2007 में, साहित्य के लिए उनकी सेवाओं को देखते हुए ब्रिटिश महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने नाइट की उपाधि से सम्मानित किया । 2008 में, द टाइम्स ने उन्हें 1945 के बाद से 50 महानतम ब्रिटिश लेखकों की सूची में तेरहवें स्थान पर रखा था।
साल 2000 से रुश्दी अमेरिका में रह रहे हैं। उन्हें 2015 में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के आर्थर एल कार्टर पत्रकारिता संस्थान में विशिष्ट लेखक नामित किया गया था। इससे पहले, वह एमोरी विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे। उन्हें अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स के लिए भी चुना गया। 2012 में उन्होंने जोसेफ एंटोन: ए मेमॉयर, द सैटेनिक वर्सेज पर विवाद के मद्देनजर अपने जीवन का एक लेखा-जोखा प्रकाशित किया।

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